आपदा प्रबंधन किसे कहते हैं?
आपदा प्रबंधन एक व्यापक प्रक्रिया है जिसमें आपदाओं से पहले, दौरान और बाद में किए जाने वाले सभी कार्यों का समावेश होता है। इसका उद्देश्य जान-माल का नुकसान कम करना, आपदाओं के प्रभाव को कम करना और समुदायों को आपदाओं के लिए तैयार करना है।
आपदा प्रबंधन के चार मुख्य चरण हैं:
1. रोकथाम:
इस चरण का उद्देश्य आपदाओं के खतरे को कम करना है। इसमें आपदाओं के संभावित खतरों का आकलन करना, जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान करना, और आपदाओं को रोकने के लिए उपाय करना शामिल है।
2. तैयारी:
इस चरण का उद्देश्य आपदाओं के लिए समुदायों को तैयार करना है। इसमें आपदा प्रतिक्रिया योजनाओं का विकास करना, आपातकालीन आपूर्ति का भंडारण करना, और लोगों को आपदाओं के बारे में शिक्षित करना शामिल है।
3. प्रतिक्रिया:
इस चरण का उद्देश्य आपदा के दौरान लोगों की सहायता करना है। इसमें आपातकालीन सेवाओं को प्रदान करना, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना, और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत करना शामिल है।
4. पुनर्प्राप्ति:
इस चरण का उद्देश्य आपदा के बाद समुदायों को पुनर्निर्माण और पुनर्स्थापित करना है। इसमें क्षतिग्रस्त घरों और व्यवसायों की मरम्मत करना, लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करना, और समुदायों को आपदाओं के लिए अधिक लचीला बनाने के लिए उपाय करना शामिल है।
आपदा प्रबंधन एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न सरकारी एजेंसियों, गैर-सरकारी संगठनों और समुदायों के बीच समन्वय की आवश्यकता होती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आपदा प्रबंधन केवल प्राकृतिक आपदाओं तक ही सीमित नहीं है। यह मानव निर्मित आपदाओं, जैसे कि आतंकवादी हमलों और औद्योगिक दुर्घटनाओं से भी संबंधित है।
आपदा प्रबंधन के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं:
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA): https://ndma.gov.in/
- आपदा प्रबंधन संस्थान (IDM): https://www.internetdownloadmanager.com/
- रेड क्रॉस: https://www.redcross.org/